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इन गाँवो में बोली जाती है संस्कृत भाषा

आज के दौर में सभी लोग अंग्रेजी के दीवाने होते जा रहें है और अपने देश की मूल भाषा संस्कृत को भूलते जा रहें है, पहले कम से कम यह बच्चों की किताबों में तो मिल जाती थी पर अब स्कूल से भी यह धीरे-धीरे हटती चली जा रही है, यह चिंता का विषय है लेकिन आप शायद ही जानते होंगे कि अपने देश में ऐसे 2 गांव भी हैं जहां का प्रत्येक व्यक्ति फर्राटेदार संस्कृत बोलता है चाहे वह किसी भी धर्म या जाति से क्यों न हो। आइये जानते हैं इन गावों के बारे में...........
1- झिरी गांव, मध्य प्रदेश –
यह गांव मध्यप्रदेश में स्थित राजगढ़ जिले में है और सभी लोग यहां पर संस्कृत बोलते हैं। इस गांव की आबादी सिर्फ 976 है पर इस गांव के सभी लोग एक दूसरे से संस्कृत में ही बात करते है और अपने बच्चों को भी संस्कृत मीडियम स्कूल में पढ़ाते हैं। विमला तिवारी नाम की एक महिला ने इस गांव में संस्कृत पढ़ाने की शुरुआत 2002 में की थी और धीरे-धीरे लोग इसको बोलने लगे।
2- मत्तूरु गांव, कर्नाटक –

कर्नाटक में शिवमोग्गा नामक जगह के पास मत्तूरु नाम का एक ऐसा गांव है, जहां पर सभी लोग संस्कृत बोलते हैं। वैसे तो इस गांव के आस-पास वाले गावों में कन्नड़ भाषा बोली जाती है परन्तु इस गांव में सिर्फ संस्कृत ही बोली जाती है। इस गांव में संस्कृत भाषा पुरातन समय से ही बोली जाती है। यह गांव बंगलुरु से करीब 300 किमी दूर स्थित है। इस गांव की जनसंख्या लगभग 3500 के करीब है। बहुत से लोग इस गांव विदेश से भी संस्कृत सीखने के लिए आते हैं।

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