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इस गाँव में नहीं है एक भी पक्का मकान और न ही लगाया जाता घर में ताला

वैसे तो अपने देश में ऐसे कई स्थान हैं जहां से कोई न कोई मान्यता जुड़ी हुई होती है पर इन मान्यताओं के पीछे का असल रहस्य कोई नहीं जानता है। आज हम आपको एक ऐसे ही गांव के बारे में बताने जा रहें हैं, जहां पर कोई भी अपने घर में ताला नहीं लगाता और कोई भी अपना पक्का मकान नहीं बनाता है। यहां तक की इस गांव में दूल्हे को घोड़े पर भी नहीं बैठाया जाता है। आइये जानते हैं की आखिर कौन सा है यह गांव और क्या हैं यहां की मान्यताएं।

कहां और कौन सा है यह गांव –

इस गांव का नाम है देवमाली और यह गांव राजस्थान के अजमेर जिले में है। यहां पर कई प्रकार की मान्यताएं है, जैसे की यहां पर कोई भी अपने मकान को पक्का नहीं बनाता है और यहां पर अपने घर में कोई ताला भी नहीं लगाता है, इस प्रकार की कई मान्यताएं इस गांव में है। इन्हीं की वजह से यह गांव काफी फेमस हो गया है। इस गांव की एक और खासियत है कि इस गांव का प्रत्येक व्यक्ति शाकाहारी है और कोई भी व्यक्ति इस गांव में शराब भी नहीं पीता है। इस गांव में भगवान देवनारायण का मंदिर है और गांव की सारी भूमि भी इन्हीं देवनारायण भगवान के नाम पर ही है।

आखिर क्या है मान्यता के पीछे का रहस्य –

असल में इस गांव के लोगों की मानना है की ये सब एक ही पूर्वज के वंशज है और इन लोगों की यह मान्यता है कि इनके उस पूर्वज ने ही इस गांव को बसाया था। गांव के लोगों का मानना है कि गांव में पक्का मकान बनने से आपदा आ जाती है और दूल्हे को घोड़े पर बैठने पर वैवाहिक जीवन सही नहीं रहता है इसलिए ये लोग इन कार्यो को नहीं करते है। इस गांव में कोई ताला भी नहीं लगाता है फिर भी पिछले 50 सालों में यहां कोई चोरी नहीं हुई है और गांव के लोगों में किसी प्रकार का कोई विवाद भी नहीं हुआ है।

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