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इस गाँव में बेटी को होना पड़ता है हवस का शिकार

भारत देश में आज भी कई ऐसे राज्य हैं जहां जिस्म का सौदा खुलेआम होता है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे कड़वे सच से रू-ब-रू करवाने जा रहे हैं जिसे स्वीकार करना आपके लिए बेहद मुश्किल होगा। मध्यप्रदेश के गालवा में मन्दसौर, रतलाम, नीमच जिले में कई ऐसे गांव हैं जहां बेटी अगर किसी मर्द के साथ शारीरिक संबंध बनाती है तो उसके मां-बाप को कोई ऐतराज नहीं होता है, बल्कि यहां जितनी उनकी बेटी के लिए मर्दों की दीवानगी बढ़ती है उनके लिए उतनी ही खुशियां भी बढ़ती हैं। हम जानते हैं कि ये बेहद शर्मनाक और दिल को चीर देने वाला वाकया है। जिस देश में बेटी को देवी का रूप माना जाता है वहीं उस बेटी के साथ ये शर्मनाक हादसे हो रहे हैं।


आप इस बात को जानकर भले ही सदमे में हों, लेकिन मालवा अंचल में बेटी के साथ यौन-क्रिया वाली परंपरा 200 सालों से चलती आ रही है। दरअसल इस गांव में रहने वाले बांछ़ड़ा समुदाय के लिए बेटी को हवस का शिकार बनने देना रोटी-रोजी का एक मात्र तरीका है। बांछड़ा समुदाय में प्रथा के चलते पहली बेटी को जिस्मफरोशी करनी ही पड़ती है। इस समुदाय में परिवार सरेआम बेटी के जिस्म का सौदा करते हैं।
यहां मां-बाप बेटी के लिए ग्राहक का इंतजार करते हैं। सौदा हो जाने पर बेटी परिजनों के सामने सामूहिक तौर पर सेक्स करती है। ये प्रथा कलेजे को चीर देने वाली है कि जहां एक तरफ मां-बाप अपनी बेटी को पालने के लिए अपना सब कुछ कुरबान कर देते हैं, वहीं दूसरी तरफ यहां के मां-बाप अपनी आजीविका के लिए बेटी का सौदा करते हैं।

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