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मरे हुए लोगो के शवों के साथ उनकी हड्डिया भी खा जाते है ये लोग

देश दुनिया में अलग-अलग तरह के लोग रहते है जिनकी अपनी अलग-अलग पंरपराएं होती है। सभी लोग अपनी इन पुरानी सभ्यताओं या परंपराओं के बड़े ही शिद्दत के साथ निभाते हैं। भले ही वो समाज से बिल्कुल ही अलग क्यों ना हो, जिसे समाज भी स्वाकीर ना करता हो, पर ये लोग इन्हीं परंपराओं को निभाते हुए अपना जीवन यापन खुशी से करते है। कुछ लोग परंपराओं के नाम पर मरे हुए इंसानों का भक्षण कर अपना पेट भरते है। यहां तक कि उनकी अस्थियां को खाकर अपनी पुरानी परंपराओं को निभाने का प्रयास करते है।
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1. ब्राजील और वेनेजुएला के आदिवासी समुदाय...
इस देश में रह रहें आदिवासी लोग अपनी परंपरा को निभाने के लिए अपने सगे संबंधियों की मृत शव की अस्थियों को खा जाते हैं। आपको जानकर भले ही हैरानी हो रही होगी, पर ये सच है। बताया जाता है कि यहां की जनजाति के लोगों के रिश्तेदार की जब मौत हो जाती है तो यह उनके शव को जलाने के बाद उनकी हड्डियों के साथ राख को भी खा जाते है और इन सभी का सेवन ये लोग कच्चे केले के सूप के साथ करते है।
2. खुले आसमान में रख देते हैं शव...
तिब्बत के बौद्ध समुदाय के लोग कई हजारों सालों से अपनी पवित्र रस्म को निभाते चले आ रहें हैं। यहां के लोगों की पंरपराओं के अनुसार मरे हुए व्यक्ति शव को किसी खुले स्थान पर टुकड़े-टुकड़े करके फैला दिया जाता है। जिससे इनका भक्षण गिद्ध से लेकर अन्य पक्षी करते है। यहां के लोगों के अनुसार ऐसा करने से मरे हुए व्यक्ति का पुर्नजन्म जल्द ही हो जाता है।
3. अघोरी खा जाते हैं शव...
इसी तरह से हमारे भारत में भी ऐसी कई जगहों पर इस परंपरा को लोग निभा रहें हैं, ये लोग रात में जाकर शव को निकालकर उसका भक्षण करते है, जिन्हें हम आघोरी के नाम से जानते है। इन लोगों के अनुसार ऐसा करने से उनके अंदर से मौत का भय हमेशा के लिए खत्म हो जाता है। साथ में अध्यात्मज्ञान की प्राप्ति होती है। यहां हम जानकारी के लिए बता दें कि हिंदू मान्यता के मुताबिक, बच्चे, गर्भवती औरत, पवित्र व्यक्ति, कुंवारी लड़कियों, कुष्ठ रोग और सांप के काटे जाने से मरे हुए व्यक्तियों का दाह संस्कार नहीं किया जाता है। इन सभी को या तो दफना दिया जाता है या फिर नदी में प्रभावित कर दिया जाता है। जिससे ये अघोरी लोग इनके शव को खाकर अपनी रस्म निभाते है।
4. जादू और वशीकरण...
अफ्रीकन आदिवासियों की बात करें, तो यहां पर काफी विचित्र परंपराओं का चलन है। यहां के आदिवासी जनजाति के लोग अपनी आत्मा के विषय में जानने के लिए जंगलों में कुछ दिन बिना खाए पीए रहते हैं। इस दौरान ये लोग आत्माओं से भी संपर्क बनाने के लिए जादू-वशीकरण वाली चीजों को सीखते हैं। उन लोगों का मानना है कि इस दौरान उनका शरीर पूरी तरह से एकाग्रचित होकर आत्मा से समाहित होकर मिलने लगता है। जिससे वो पूरी तरह से बेहोश हो जाते है।

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