मरे हुए शरीर के बारे में कुछ मिथक
आज तक इंसान की मौत के बाद के रहस्य कोई नहीं जान पाया है। इंसान के मर जानें के बाद जब उसके दिल की धड़कन रुक जाती है, उसके बाद उस इंसान के साथ क्या क्या चीजें घटित होती रहती है, कितने समय तक वो हमें अपने नजदीक महसूस करता है। इस प्रकार के प्रश्न हर किसी के मन में उठते है, आज हम आपको कुछ ऐसे ही रहस्य के बारे में बताने जा रहें हैं कि मौत के बाद मृत शरीर में किस-किस प्रकार के बदलाव देखने को मिलते है। इन्हें जानकर आप भी चकित हो जाएंगे।
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1. मौत के बाद बदलने लगता है शरीर का रंग..
मरने के बाद हर मृत शरीर की देह का रंग परिवर्तित होने लगता है। शरीर के रक्त प्रवाह रूकने के कारण पहले बॉडी का रंग नीला पड़ने लगता है। इसके बाद खून की कमी होने से शरीर का रंग पीला पड़ने लगता है।
2. बालों की ग्रोथ का होना
मृत्यु के बाद शरीर को यदि दफना दिया जाए तो अक्सर सुनने में आता है कि शव के बाल पहले से लबं हो गए है पर यह कुछ हद तक ही वृद्धि करते है बाकि त्वचा के खीच जानें का कारण भी ज्यादा लबें महसूस होने लगते है।
मृत्यु के बाद शरीर को यदि दफना दिया जाए तो अक्सर सुनने में आता है कि शव के बाल पहले से लबं हो गए है पर यह कुछ हद तक ही वृद्धि करते है बाकि त्वचा के खीच जानें का कारण भी ज्यादा लबें महसूस होने लगते है।
3. नाखून का बढ़ना
मौत के बाद इंसान के नाखून भले ही पैदा ना हो, पर उसमें ग्रोथ देखी जा सकती है। लेकिन यह ग्रोथ शरीर के अंदर होने वाले परिवतर्न से नहीं बल्कि चमड़ी के खींचाव के कारण बढ़ी हुई दिखाई देती है।
मौत के बाद इंसान के नाखून भले ही पैदा ना हो, पर उसमें ग्रोथ देखी जा सकती है। लेकिन यह ग्रोथ शरीर के अंदर होने वाले परिवतर्न से नहीं बल्कि चमड़ी के खींचाव के कारण बढ़ी हुई दिखाई देती है।
4. त्वचा सेल
किसी भी व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद ब्लड सर्कुलेशन में जब कमी आने लगती है, तो उस समय सबसे पहले मस्तिष्क काम करना बंद कर देता है। लेकिन स्किन के कई सेल्स मरते है तो कुछ सेल्स कुछ दिन तक जीवित रह सकते हैं।
किसी भी व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद ब्लड सर्कुलेशन में जब कमी आने लगती है, तो उस समय सबसे पहले मस्तिष्क काम करना बंद कर देता है। लेकिन स्किन के कई सेल्स मरते है तो कुछ सेल्स कुछ दिन तक जीवित रह सकते हैं।
5. पाचन तंत्र
हमारे शरीर के अंदर कई तरह के ऐसे सूक्ष्म जीव पाए जाते है जो किसी भी व्यक्ति के मर जाने के बाद भी शरीर में जीवित रहते है। जिनमे पैरासाइटिक भी होते है, जो भोजन को पाचन में मदद करते है। यह मौत के बाद भी आंतों के अंदर जीवित रहकर कार्य करते है, जिससे शरीर में गैस बनती है जिससे मौत के बाद शरीर फूलने लगता है।
हमारे शरीर के अंदर कई तरह के ऐसे सूक्ष्म जीव पाए जाते है जो किसी भी व्यक्ति के मर जाने के बाद भी शरीर में जीवित रहते है। जिनमे पैरासाइटिक भी होते है, जो भोजन को पाचन में मदद करते है। यह मौत के बाद भी आंतों के अंदर जीवित रहकर कार्य करते है, जिससे शरीर में गैस बनती है जिससे मौत के बाद शरीर फूलने लगता है।
6. मूत्र उत्सर्जन
मृत्यु के बाद भी शरीर से मूत्र उत्सर्जन की प्रक्रिया काम करती है क्योंकि उस दौरान शरीर रक्त का प्रवाह कम होने से मांसपेशियों कड़ी होने लगती है। इसके कुछ समय के बाद जब वो लचीला पड़ने लगती है तो उस दौरान मूत्र उत्सर्जन की क्रिया होती है और इसी तरह से वीर्य का स्त्राव भी होने लगता है।
मृत्यु के बाद भी शरीर से मूत्र उत्सर्जन की प्रक्रिया काम करती है क्योंकि उस दौरान शरीर रक्त का प्रवाह कम होने से मांसपेशियों कड़ी होने लगती है। इसके कुछ समय के बाद जब वो लचीला पड़ने लगती है तो उस दौरान मूत्र उत्सर्जन की क्रिया होती है और इसी तरह से वीर्य का स्त्राव भी होने लगता है।
7. भ्रूण निकलना
कभी-कभी देखा जाता है कि गर्भकाल के दौरान होने वाली महिला की मृत्यू के बाद उसका भ्रूण समान्य रूप से ही बाहर आने लगता है। जिससे लोग सोचने लगते है कि शरीर जीवित अवस्था में है पर ऐसा नहीं होता। मृत्यु के बाद शरीर के अंदर गैस काफी तीव्र गति से बनने लगती है और मौत के बाद शरीर की मांसपेशियां ढीली हो जाती है, जिससे अंदर पल रहा भ्रूण बहार आ जाता है। वैसे कहा जाए तो मौत के बाद भी शरीर का यही अंग निष्क्रिय होते हुए भी सक्रिय रूप से कार्य करता है।
कभी-कभी देखा जाता है कि गर्भकाल के दौरान होने वाली महिला की मृत्यू के बाद उसका भ्रूण समान्य रूप से ही बाहर आने लगता है। जिससे लोग सोचने लगते है कि शरीर जीवित अवस्था में है पर ऐसा नहीं होता। मृत्यु के बाद शरीर के अंदर गैस काफी तीव्र गति से बनने लगती है और मौत के बाद शरीर की मांसपेशियां ढीली हो जाती है, जिससे अंदर पल रहा भ्रूण बहार आ जाता है। वैसे कहा जाए तो मौत के बाद भी शरीर का यही अंग निष्क्रिय होते हुए भी सक्रिय रूप से कार्य करता है।