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सऊदी में नौकरी के लिए जाने वालों के जीवन के कड़वे सच..

देश से बाहर जाने का सपना लगभग हर व्यक्ति का होता है। यह अलग बात है कि यह सपना हर किसी का पूरा नहीं हो पाता है, लेकिन कई बार इस सपने के साकार होने पर हकीकत कुछ और ही होती है। सऊदी अरब में नौकरियों के लिए जाने वाले भारतीयों के हालात बेहद की खराब हैं। ऐसे कई युवा हैं जो सऊदी अरब जैसे देशों में गए तो, पर वापस नहीं लौटे।
ड्राइवर, मेडिकल स्टोर और खलासी सहित कई नौकरियां ऐसी हैं जिनकी मांग सऊदी अरब में रहती है। इन नौकरियों को करने के लिए भारत के कम पढ़े लिखे बेरोजगार ज्यादा ही लालायित रहते हैं। इस धोखाधड़ी में देश की ही कई प्लेसमेंट कंपनियां शामिल होती हैं। सऊदी जाने वाले लोगों से वहां के लोग भेड़ और बकरियां चरवाते हैं। इसलिए गांवों में रहने वाले बेरोजगारों को दलालों के चक्कर में नहीं फंसना चाहिए। ऐसे दलाल प्लेसमेंट के नाम पर बेरोजगारों से लाखों रुपए ठग लेते हैं। साथ ही प्लेसमेंट के गलत दस्तावेज देकर उन्हें गुमराह करते हैं।
सऊदी में किसी तरह की समस्या में फंस जाने पर वहां की इंडियन एंबेसी से संपर्क करना चाहिए। वहां पहुंचने पर अक्सर लोगों का शोषण किया जाता है। इस कारण ही सऊदी जाने से पहले अपनी जॉब से संबंधित दस्तावेजों की जांच पड़ताल करना बेहद जरूरी है।
देश में ऐसे कई मामले हैं जिनमें यहां के बेरोजगार वहां जाते तो हैं पर वहां किसी न किसी मुसीबत में फंस जाते हैं। बीते दिनों जासिम नामक युवक सऊदी अरब गया था। जासिम के पिता के अनुसार उनके बेटे ने एक एजेंसी से संपर्क कर अरब देश जाने की बात की थी। एजेंसी ने सऊदी की एक कंपनी में काम दिलवा दिया। जिसके करीब चार महीने बाद ही जासिम की मौत की खबर आई। जासिम के पिता ने उसको भेजने वाली एजेंसी से संपर्क किया पर कोई हल नहीं निकला। उसके बाद विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय से भी संपर्क किया गया, लेकिन उन्हें किसी प्रकार की मदद न मिली। अब वह चाहते हैं कि देश की ऐसी जालसाज एजेंसियों पर शिकंजा कसा जा सके ताकि और बेरोजगार इसके शिकार न बन सकें।
आपको बता दें कि हमारे देश के बेरोजगार युवाओं को ज्यादा पैसे कमाने की चाह विदेश खींच ले जाती है, लेकिन इस तरह अपने घर वालों को छोड़ कर चले जाना भी कहां तक ठीक है।

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